पुस्तक लेखन

कारसेवा से कारसेवा तक : ऐतिहासिक रामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन की पृष्ठभूमि और निर्णायक घटनाक्रम के पहले प्रत्यक्षदर्शी विवरण के रूप में सामने आई यह पुस्तक अपनी रोचक शैली, प्रामाणिकता और कम समय में रिकॉर्ड बिक्री के लिए जानी जाती है। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान श्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा :- “गोपाल शर्मा ने यह पुस्तक लिखकर ऐतिहासिक कार्य किया है। इसे सदैव स्मरण रखा जाएगा।” यह पुस्तक अयोध्या पर आगे चलकर किए जाने वाले कार्यों के लिए प्रमुख स्रोत सिद्ध हुई। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, एंथम प्रेस, रटगर्स यूनिवर्सिटी प्रेस जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशनों द्वारा प्रकाशित पुस्तकों में इसका उल्लेख स्रोत के रूप में किया गया।

चलो कश्मीर : अलगाववाद और आतंकवाद की चुनौतियों से घिरे जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय भावना के प्रसार के लिए निकाली गई एकता यात्रा की सबसे अधिक दूरी तक कवरेज करने का अवसर मिला। कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा श्रीनगर पहुंची, जहां आतंकवादियों की चुनौती के बीच डॉ. मुरली मनोहर जोशी और श्री नरेंद्र मोदी ने लाल चौक पर तिरंगा फहराया। उन ऐतिहासिक क्षणों का प्रत्यक्षदर्शी विवरण ‘चलो कश्मीर’ पुस्तक के जरिए इतिहास का हिस्सा बना।

आजादी के बाद : भारत की आजादी के 50 वर्षों का राजनीतिक और सामाजिक लेखा-जोखा प्रस्तुत करती यह पुस्तक 25 विचारोत्तेजक लेखों का संग्रह है। इस पुस्तक के माध्यम से अनेक असहज करने वाली सच्चाइयों को उजागर किया गया और इसके साथ ही, भविष्य का रोडमैप दिखाते हुए राष्ट्रीयता का प्रबल शंखनाद किया।

गांधी-जयपुर सत्याग्रह : जयपुर से महात्मा गांधी के संबंधों का लगभग अज्ञात अध्याय इस पुस्तक के माध्यम से पहली बार सामने आया। प्रामाणिक दस्तावेजों के आधार पर न केवल महात्मा गांधी की जयपुर यात्रा को रेखांकित किया, बल्कि इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि जयपुर रियासत में चल रहे सत्याग्रह में गांधी कई वर्षों तक अपने लेखों और पत्रों के माध्यम से प्रत्यक्ष हस्तक्षेप कर रहे थे।

महाव्रती : राष्ट्र और समाज के विकास के लिए समर्पित रहे श्री सोहन सिंह के जीवन पर आधारित इस पुस्तक की प्रस्तावना डॉ. मोहनराव भागवत ने लिखी और विमोचन भी किया।

विकट विप्लवी : महान क्रांतिकारी महावीर सिंह के शौर्य और बलिदान पर आधारित संस्मरण-श्रद्धांजलि।

वडनगर से बनारस : राष्ट्रीय राजनीतिक क्षितिज पर तेजी से उभरे श्री नरेंद्र मोदी की असाधारण जीवन यात्रा को रेखांकित करती यह पुस्तक अपनी विशिष्ट शैली के लिए चर्चित रही।

महारथी : पंडित नवलकिशोर शर्मा की पहली प्रामाणिक जीवनी, जिन्होंने महात्मा गांधी के समर्पित अनुयायी के रूप में जीवन भर सैद्धांतिक राजनीति की और एक आदर्श राज्यपाल का उदाहरण बने।

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